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चतुर्थ : कार्यकारण संबंध और महामारी खंड 4, book 18-11-20024

  कार्य-कारण संबंधों में उलझा है महामारी का रहस्य !        मैने कार्य कारण संबंध के आधार पर महामारी को समझने के लिए प्रयत्न किया है | मेरे सामने सबसे बड़ी चुनौती महामारी पैदा होने के लिए जिम्मेदार कारण खोजना होता है | कार्य - कारण संबंध प्रायः प्रत्येक काल में प्राच्य - पाश्चात्य विचारकों के चिंतन का विषय रहा है।महर्षि कपिल हों, महात्मा बुद्ध हों अथवा अरस्तु हों, सभी ने कार्य - कारण संबंध पर विचार अवश्य  किया है |  प्रकृति या जीवन में घटित होने वाली प्रत्येक घटना परिस्थिति मनस्थिति आदि के लिए जिम्मेदार कोई न कोई कारण अवश्य होता है | कोई भी घटना या कार्य बिना कारण के नहीं घटित होता है| इसीलिए प्रकृति और जीवन से प्रत्येक घटना को समझने के लिए उसका कारण खोजना मनुष्यों के स्वभाव में सम्मिलित है |किसी रोगी के रोगी होने का कारण चिकित्सक जानना चाहता है | समाज में बढ़ते अपराधों,तनावों, हिंसक आंदोलनों आदि का कारण हर कोई जानना चाहता है | जिन घटनाओं के कारण पता लगे उनका पूर्वानुमान भी पता लग जाता है और यदि संभव हुआ तो उन समस्याओं के समाधान भी निकल...

तृतीय : समय विज्ञान खंड 3, book 18-11-20024 महामारी रहस्य पर लेख डालने हैं !

महामारी संक्रमण बढ़ने घटने में मौसम की भूमिका !        कुछ वैज्ञानिक इस बात से भले सहमत नहीं हैं कि महामारी संबंधी संक्रमण बढ़ने घटने में मौसम का  प्रभाव पड़ता है,जबकि वैज्ञानिकों के बड़े वर्ग को यह कहते सुना जाता रहा है कि महामारी जनित संक्रमण बढ़ने और घटने का कारण मौसम संबंधी घटनाएँ होती हैं| संभवतः इसीलिए महामारी संबंधी अनुसंधानों को करने  की प्रक्रिया में मौसमवैज्ञानिकों को सम्मिलित किया गया है |  वैज्ञानिकों के ऐसे दोनों प्रकार के वक्तव्यों से किसी निष्कर्ष पर पहुँचना संभव नहीं है| इससे कोई निष्कर्ष निकाला जाना तभी संभव है जब महामारी के घटने बढ़ने के विषय में मौसम के आधार पर पूर्वानुमान लगाया जाए यदि वो सही निकले तो मान लिया जाए कि महामारी पर मौसम का प्रभाव पड़ता है अन्यथा नहीं पड़ता है |      इसी उद्देश्य से कुछ वैज्ञानिकों के द्वारा महामारी का वेग बढ़ने घटने के जो पूर्वानुमान व्यक्त किए गए वे सही नहीं घटित हुए ! वैसे भी कुछ  वैज्ञानिकों के द्वारा वर्षा होने पर संक्रमण कम होने की बात कही गई थी,किंतु पहली लहर का ...